प्यार तो प्यार है। यह कब, कहां, किससे हो जाये कुछ कहा नहीं जा सकता। ऐसी ही एक अजीबोगरीब प्यार की घटना सामने आयी है उत्तर प्रदेश के रायबरेली जनपद से। दरअसल यहां के वर्तमान जिलाधिकारी जो कि पिछले दिनों एक कैबिनेट मंत्री से विवादों के चलते सुखिर्यों में छाये रहे थे, एक बार फिर सुर्खियों में हैं। लेकिन इन बार इन आईएएस महोदय के सुर्खियों में रहने का कारण थोड़ा अलग है।
दरअसल उन्होंने एक ऐसी लड़की से शादी की है जो कभी उनके जनता दरबार में एक फरियादी की हैसियत से आयी। वहीं डीएम साहब का दिल लड़की पर आ गया, और फिर बात धीरे धीरे शादी तक पहुंच गई। इसके बाद रायबरेली के डीएम संजय कुमार खत्री ने विजय लक्ष्मी नाम की इस युवती से एक सादा समारोह में दोनों तरफ के परिवारों की मौजूदगी में बाकायदा शादी रचा ली।
कैसे शुरू हुई प्रेम कहानी
दरअसल संजय कुमार खत्री रायबरेली के जिलाधिकारी बनने से पहले गाजीपुर के डीएम थे। वहीं एक दिन जनता दरबार के दौरान विजय लक्ष्मी नाम की एक युवती उनके सामने किसी फरियाद को लेकर पहुंची। युवती को देखकर संजय उसे देखते ही रह गये, दरअसल वह उनकी पूर्व परिचित थी। आईएएस की तैयारी के दौरान नई दिल्ली में संजय और विजयलक्ष्मी साथ साथ कोचिंग करते थे।
संजय का आईएएस में सिलेक्शन हो गया मगर विजयलक्ष्मी का चयन नहीं हो सका। इसके बाद वह वापस अपने घर गाजीपुर लौट आयी। इतने दिनों बाद पुनः जब दोनों एक दूसरे के आमने सामने हुये तो दिल में छिपे प्रेम के अंकुर पुनः फूट पड़े। बस इसके बाद कुछ मुलाकतों में ही दोनों ने शादी करने का फैसला ले लिया।
दरअसल उन्होंने एक ऐसी लड़की से शादी की है जो कभी उनके जनता दरबार में एक फरियादी की हैसियत से आयी। वहीं डीएम साहब का दिल लड़की पर आ गया, और फिर बात धीरे धीरे शादी तक पहुंच गई। इसके बाद रायबरेली के डीएम संजय कुमार खत्री ने विजय लक्ष्मी नाम की इस युवती से एक सादा समारोह में दोनों तरफ के परिवारों की मौजूदगी में बाकायदा शादी रचा ली।
कैसे शुरू हुई प्रेम कहानी
दरअसल संजय कुमार खत्री रायबरेली के जिलाधिकारी बनने से पहले गाजीपुर के डीएम थे। वहीं एक दिन जनता दरबार के दौरान विजय लक्ष्मी नाम की एक युवती उनके सामने किसी फरियाद को लेकर पहुंची। युवती को देखकर संजय उसे देखते ही रह गये, दरअसल वह उनकी पूर्व परिचित थी। आईएएस की तैयारी के दौरान नई दिल्ली में संजय और विजयलक्ष्मी साथ साथ कोचिंग करते थे।
संजय का आईएएस में सिलेक्शन हो गया मगर विजयलक्ष्मी का चयन नहीं हो सका। इसके बाद वह वापस अपने घर गाजीपुर लौट आयी। इतने दिनों बाद पुनः जब दोनों एक दूसरे के आमने सामने हुये तो दिल में छिपे प्रेम के अंकुर पुनः फूट पड़े। बस इसके बाद कुछ मुलाकतों में ही दोनों ने शादी करने का फैसला ले लिया।
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